–ग्रामीणों के दबाव में पुलिस को कराना पड़ा पोस्टमार्टम
–तीन मजदूरों की मौत से गांव में तनाव
–एक मृतक का परिजनों ने कर दिया था दाह संस्कार

अरविन्द श्रीवास्तव
कुशीनगर: चुनाव आते ही कच्ची शराब की भट्टियां एक बार फिर धधक उठी है और इसका खामियाजा गाँव में रहने वाले परिवारों की महिलाओं और बच्चो को भुगतना पड़ रहा है। गरीब और मजदूरों के कदम देर शाम घर आने के बजाए कच्ची शराब की दुकानों की ओर बढ़ जा रहे है जिससे उनके घरो के बच्चे और बड़े भूखो ही सोने को मजबूर है।

जनपद के तरया सुजान थाना क्षेत्र के जवही दयाल गांव में उस समय मंगलवार की शाम मातम फ़ैल गया जब गाँव के तीन मजदूर कच्ची शराब पीने गए और लौटते ही उल्टियां शुरू हो गयी कुछ ही देर में तीनो के दम निकल गए।

ग्रामीणों ने अवैध शराब का धंधा बंद कराने के लिए बुधवार सुबह प्रदर्शन किया । सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने मौतों को स्वाभाविक बताया, इससे ग्रामीण उग्र हो उठे। ग्रामीणों के रुख को देखते हुए दो शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।
मरने वाले मजदूर एक ही गाँव के थे
जवही दयाल निवासी देवा निषाद (65) पुत्र किशुनी, हीरालाल (35) पुत्र सरका निषाद, अवध (50) पुत्र राधा किशुन मजदूर थे। मंगलवार की शाम काम से लौटने के बाद तीनों गांव के समीप ईंट-भट्ठों पर बनने वाली कच्ची शराब पीने चले गए । घर लौटे तो इनकी हालत अचानक खराब हो गई और उल्टी होने लगी। सभी को उनके परिजन अस्पताल ले गए, जहां तीनों की मौत हो गई। अवध के परिजनों ने रात में उसके शव का अंतिम संस्कार कर दिया । लेकिन ग्रामीणों ने देवा व हीरालाल के शव को गांव में रोक लिया गया। बुधवार की सुबह ग्रामीणों ने अवैध शराब के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए पुलिस को जानकारी दी।
स्वाभाविक मौत कहने पर ग्रामीणों ने किया हंगामा
पुलिस क्षेत्राधिकारी आरके तिवारी, उप जिलाधिकारी तमकुही प्रमोद कुमार, थानाध्यक्ष पटहेरवा संजय मिश्र गांव पहुंचे। अधिकारियों ने इनकी मौत स्वाभाविक बताई तो महिलाएं हंगामा करने लगीं। पुलिस अधीक्षक राजीव नारायण मिश्र ने दोनों शवों का पोस्टमार्टम कराए जाने का निर्देश दिया। एसपी ने कहा कि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत का सही कारण पता चल जाएगा। ग्रामीणों का दावा है कि शराब पीने से तीनों की मौत हुई है।


